नई दिल्ली: देश भर में ट्रक हड़ताल (Truck driver strike) की खबर बहुत ही तेज़ी से फ़ैल रही है, इसके कारण लोगो में हड़बड़ी मची हुई है। Hit-and-run law पर ट्रक चालकों को सरकार का आश्वासन आया है, सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि Hit-and-run law के खिलाफ विवादास्पद कानून लागू करने से पहले हितधारकों से सलाह ली जाएगी, जिसके बाद देशव्यापी Truck driver strike को वापस ले लिया गया है। सरकार के साथ लंबी वार्ता के बाद, All India Motor Transport Congress ने आंदोलन को वापस ले लिया।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला (Ajay Bhalla) ने आज शाम कहा की सरकार से सलाह-मशविरा होने के बाद ही फैसला होगा “हमने All India Motor Transport Congress के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की है, सरकार यह कहना चाहती है कि नया नियम अभी लागू नहीं किया गया है। भारतीय न्याय संहिता 106/2 को लागू करने से पहले, हम All India Motor Transport Congress के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे।”
AIMTC’s ने भी की पुष्टि की कोर कमेटी के अध्यक्ष Bal Malkit ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “नए कानून को लागू नहीं किया गया है। इसे All India Motor Transport Congress से सलाह-मशविरा के बाद ही लागू किया जाएगा।”
किस कानून का विरोध?: विरोध भारतीय न्याय संहिता या बीएनएस की धारा 106 (2) को लेकर था, जो औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता को बदलने के लिए निर्धारित है, जिसमें Hit-and-run law के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है। ट्रक चालकों ने अखिल भारतीय हड़ताल की धमकी दी थी, जिससे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कमी का दहशत पैदा हो गया।
Long queues in Petrol pump across country.
Mod’s hasty decision has created nation wide chaos again. Lakhs of Truck drivers are protesting against new hit-and-run law under Bharatiya Nyay Sanhita.
If Government doesn’t resolve this issue soon, Common people have to bear the… pic.twitter.com/KIesaZKE0u
— Mahua Moitra Fans (@MahuaMoitraFans) January 2, 2024
विरोध कई राज्यों में फैल गया था, जिनमें जम्मू-कश्मीर, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल थे।
नए कानून के तहत, Hit-and-run law के मामलों में 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जबकि वर्तमान में अधिकतम दो साल की जेल और कम जुर्माना का प्रावधान है। 10 साल की अधिकतम सजा उस स्थिति में लागू होगी जहां अपराधी ने तेज रफ्तार से वाहन चलाकर दूसरे की मौत का कारण बन गए तो उहे ये जुर्माना भरना होगा और बिना पुलिस को सूचित किए भाग नहीं सकते यदि ऐसे किया तो जेल की सज़ा भी होने की शक्यता है ।
ट्रक चालकों को यह चिंता उन्ही तक सिमित नहीं है, ट्रक चालक, कैब चालक और अन्य वाणिज्यिक वाहन चालक इन सभी की लिए यह क़ानून है और ये सब सवाल कर रहे हैं कि यदि वे दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं तो इतना भारी जुर्माना कैसे भरेंगे।
विशेषज्ञों की चेतावनी में विशेषज्ञों ने कानून के दुरुपयोग की संभावना बताई है, जनता के गुस्से को देखते हुए अधिकारियों को सूचित करने की प्रक्रिया और विवाद के मामले में सबूतों की प्रकृति के बारे में चेतावनी दी है।